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आंदोलन करने के बजाय गुणवत्ता सुधारें

Lokmat
April 12, 2013

(Content in Hindi)

ुख्यमंत्री ने कहा कि अगर व्यापारियों को एलबीटी को लेकर कोईसमस्या है तो सरकार चर्चाको तैयार है, लेकिन वो हड.ताल न करें. हड.ताल से आम लोगों को बेवजह परेशानी उठानी पड.ती है.

विस्तृत खबर अपना पुणे पर पुणे। 11 अप्रैल (लोस सेवा)

महाविद्यालयीन प्राध्यापकों को विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शोध क्षेत्र में योगदान देना चाहिए, मगर वो अपनी सुविधाओं के लिए आंदोलन का मार्ग अपना रहे है.ं इन शब्दों में मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने प्राध्यापकों के आंदोलन की अलोचना की. सेंटर फॉर डेवलपिंग एडवान्स ऑफ कम्प्यूटिंग (सी-डैक) संस्था के 26 वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में वे बोल रहे थे. इस अवसर पर आईटी क्षेत्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एफसी कोहली, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. टीसी थॉमस, प्रा. बालकृष्णन, सी-डैक के महासंचालक प्रा. रजत मूना उपस्थित थे.

चव्हाण ने आगे कहा कि राज्य का एक भी विश्‍वविद्यालय पहले सौ विवि की रैंक में नहीं है. विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना सभी की जिम्मेदारी है. प्राध्यापकों के लिए सेट-नेट परीक्षा उत्तीर्ण होने की शर्त रखी थी, मगर प्राध्यापकों ने इसका कड.ा विरोध किया. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के बजाय वे आंदोलनबाजी में मशगूल है.ं अक्सर कहा जाता है की भारत उभरती महासत्ता है. केवल चर्चा से भारत के सिर पर महासत्ता का ताज नहीं सजेगा. इसके लिए शोध क्षेत्र में उन्नति करनी होगी. साथही आधूनिक तकनीक का निर्माण करना आवश्यक है. ऐसी तकनीक का निर्माण करना होगा, जिससे आमआदमी के जीवन की जरूरतें पूरी हो.ं इसके लिए सी-डैक को आगे आने की अपील उन्होंने की. कम्प्यूटर की भाषा अंग्रेजी है. जिसे अगं्रेजी आती है उसकी कम्प्यूटर पर हुकूमत चलती है. सी-डैक भारतीय भाषाओं में सॉफ्टवेयर बनाने का प्रयास कर रही है